योग से करें खर्राटे की समस्या दूर

योग से करें खर्राटे की समस्या दूर

योग गुरु सुनील सिंह

नींद में सोते वक्त अगर सांस लेने के दौरान किसी तरह की रुकावट आती है या फिर नाक और कंठ से खर्राटे आने लगते हैं तो इसे यू ही न लें खर्राटे लेना किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

पढ़ें- पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट का बेस्ट इलाज है तितली आसन, ये है करने का तरीका और सावधानियां

खर्राटे लेना (snoring), खराब सेहत और बीमारी का संकेत हो सकता है। नैशनल स्लीप फाउंडेशन की मानें तो हर 3 में से 1 पुरुष और 4 में से 1 महिला हर रात खर्राटे लेते हैं। अगर आप भी अपने या पार्टनर के खर्राटों से परेशान हैं तो थोड़ा सजग हो जाइए और खुद भी नियमित योग करें और पार्टनर को भी नियमित योग करने की सलाह दें जिससे आप दोनों की खर्राटों की दिक्कत दूर हो जाएगी ।

​खर्राटे दूर करने के लिए विशेष योग:

खर्राटों को दूर करने के लिए लोगों द्वारा बताए गए या ऑनलाइन के अजीबोगरीब ज्ञान को इस्तेमाल कर अपने आप को अनकम्फर्टेबल न फील होने दें बल्कि ऐसा करने की बजाए रोजाना योग करना शुरू कर दें। योग के इन आसनों का नियमित रूप से अभयास करें जिससे फेफड़ों की क्षमता बेहतर बनेगी, ब्रीदिंग स्मूथ हो जाएगी और खर्राटों की भी दूर होगी।

पढ़ें- पेट की कई बीमारियों का बेस्ट इलाज है 'गोरक्षासन'

​भुजंगासन या कोबरा पोज:

खर्राटों की समस्या दूर करने के लिए सबसे बेस्ट योगासन है भुजंगासन। इस आसन को करने के दौरान व्यक्ति का चेस्ट यानी सीना पूरी तरह से खुल जाता है। इस पॉस्चर में हमारे फेफड़े क्लियर हो जाते हैं और वायु मार्ग भी क्लीन और फ्री हो जाता है जिससे खर्राटे लेने की आशंका कम हो जाती है। साथ ही साथ इस योगासन को करने से शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो यानी खून का संचार भी रेग्युलेट होता है जिससे आपकी ब्रीदिंग और शरीर के बाकी फंक्शन्स भी बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं।

ऐसे करें आसन:

किसी समतल और साफ स्थान पर कंबल या चटाई बिछा लीजिए। उसके बाद पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिलाते हुए बिल्कुल सीधा रखें। इस आसन में आप अपनी पूरी बॉडी को मोड़कर पीछे की ओर ले जाते हैं और बैक साइड से पीछे की ओर पैरों के अंगूठों को जमीन से टच कराना होता है। अब माथे को सामने की ओर उठाएं और दोनों बाजुओं को कंधों के समानांतर रखें जिससे शरीर का भार बाजुओं पर पड़े।

अब शरीर के आगे के हिस्‍से को बाजुओं के सहारे उठाएं। इसके बाद शरीर को स्ट्रेच करें और लंबी सांस लें। फिर गर्दन को तानते हुए सिर को धीरे-धीरे अधिक से अधिक पीछे की ओर उठाने की कोशिश कीजिए। आखें ऊपर की तरफ होनी चाहिए। यह योग तब पूरा होगा जब आपके शरीर का कमर से ऊपर का भाग सिर, गर्दन और सीना सांप के फन की तरह ऊंचा उठाएंगे। इस प्रक्रिया को 15 से 20 मिनट तक दोहराते रहें।

पढ़ें- अगर हर कोशिश के बाद भी नहीं हो रही चेहरे की सूजन कम तो ट्राई करें ये खास योगासन

​धनुरासन या बो पोज:

भुजंगासन की ही तरह इस योगासन में भी आपका सीना, कंधा और गला पूरी तरह से खुल जाता है जिससे आप और ज्यादा गहरी सांस लेने लगते हैं जिससे सांस लेने और छोड़ने के दौरान कंठ में किसी तरह की रुकावट नहीं होती और खर्राटे भी नहीं आते। हालांकि धनुरासन को करने के लिए बहुत सारे प्रैक्टिस की जरूरत है। लिहाजा किसी योगा एक्सपर्ट की देखरेख में ही इसे करें।

ऐसे करें आसन:

धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। आपके पैरों में नितंब जितना फासला रखें और दोनों हाथो को सीधा रखें। अब अपने घुटनों को मोड़कर कमर के पास ले जाएं और अपनी घुटिका को दोनों हाथों से पकड़ें। अब सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। अब अपने पैरों को आगे की ओर खीचें। अब अपना संतुलन बनाते हुए सामने देखें। इस आसन को आप क्षमता के अनुसार ही करें। 15-20 सैकंड बाद सासं छोड़ते हुए अपने पैर और छाती को धीरे-धीरे जमीन की ओर लाएं।

सिंहासन या लायन पोज़:

चेहरे, आंखो व गर्दन को स्वस्थ रखने में अहम योगदान होता है। साथ ही यह आपकी आवाज को भी अच्छा करता है| यह तनाव को कम करके स्मरण शक्ति बढ़ाता है साथ ही इससे दिमागी शांति भी प्राप्त होती है। चेहरे की झुर्रियों को दूर करने में भी यह बहुत लाभकारी होता है। सिंहासन योग को एक प्रकार का एंटी एजिंग योग भी कहा जाए तब भी गलत नहीं होगा। यह आंखों के लिए भी एक अच्छी एक्सरसाइज है इससे आंखे स्वस्थ रहती हैं। इसके इतने सारे फायदे है इसलिए इसे सर्व रोग हरण आसन भी कहा जाता है|

ऐसे करें आसन:

सिंहासन योग करने के लिए आप फर्श पर दण्डासन की मुद्रा में यानी दोनों पैरों को सामने की ओर फैला के बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और उसे बाएं पैर की जांघ पर रख लें और बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाएं पैर की जांघ पर रख लें। इस आसन को करने के लिए आप पद्मासन की मुद्रा में भी बैठ सकते हैं। अब आगे की ओर झुक जाएं और दोनों घुटनों के बल होते हुए अपने हाथों को नीचे फर्श पर रख लें। दोनों हाथों को सीधा रखते हुए अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर खींचे। अपने मुंह को खोलें और अपने जीभ को मुंह से बाहर की ओर निकालें। नाक से सांस लें और आंखों को खुला रखें। इस स्थिति में आप एक शेर के समान मुद्रा में दिखाई देंगे। इस आसन को आप 20 से 30 सैकंड के लिए 4 से 6 बार दोहराहएं। अंत में अपने पैरों को सीधा करके अपनी प्रारंभिक स्थिति में आएं।

पढ़ें- अगर कफ-कोल्ड से परेशान हैं तो रोज चंद मिनट करें ये योगासन, बीमारी छू भी नहीं पाएगी

​भ्रामरी प्राणायाम:

योग के ये आसन मुख्य तौर पर एक ब्रीदिंग टेक्नीक है जिसे कोई भी बड़ी आसानी से कर सकता है। इस आसन को करने से शरीर और मन दोनों शांत होता है और ऐंग्जाइटी कम होती है। इस ब्रीदिंग आसन को करने से शरीर में हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत कम होती है जिससे खर्राटों की दिक्कत दूर होती है और कई बार रात में अगर अचानक नींद टूटने की परेशानी हो तो वो भी दूर हो जाती है।

ऐसे करें आसन:

किसी भी शांत वातावरण, जहां पर हवा का प्रवाह अच्छा हो बैठ जाएं। अपने चेहरे पर मुस्कान को बनाए रखें। कुछ समय के लिए अपनी आंखों को बंद रखें। अपने शरीर में शांति व तरंगो को महसूस करें। तर्जनी ऊंगली को अपने कानों पर रखें। आपके कान व गाल की त्वचा के बीच में एक उपास्थि है। वहां अपनी ऊंगली को रखें। एक लंबी गहरी सांस ले और सांस छोड़ते हुए, धीरे से उपास्थि को दबाएं। आप उपास्थि को दबाए हुए रख सकते हैं अथवा ऊंगली से पुनः दबा य छोड़ सकते हैं। यह प्रक्रिया करते हुए लंबी भिनभिनाने वाली (मधुमख्खी जैसे) आवाज़ निकालें। आप नीची ध्वनि से भी आवाज़ निकाल सकते हो परंतु ऊंची ध्वनि निकलना अधिक लाभदायक है। पुनः लंबी गहरी सांस ले और इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराएं।

उज्जायी प्राणायाम:

इस प्राणायाम के अभ्यास से प्राणवायु लेने की क्षमता बढ़ती है तथा खून का संचार ठीक से होता है। ह्रदय, अस्थमा और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए लाभकारी है। शारीरिक तनाव और मानसिक निराशा को दूर करता है तथा मन को शांत रखता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर के सभी टॉक्सिन्स निकल जाते है, श्वास प्रक्रिया बेहतर होकर हॉर्मोनल संतुलन बनाए रखता है।

ऐसे करें आसन:

किसी भी आरामदायक आसान में बैठ जायें। पूरे शरीर को शिथिल कर लें। समान रूप से श्वास लें। थोड़ी देर बाद अपना ध्यान गले पर ले आएं। ऐसा अनुभव करें या कल्पना करें की श्वास गले से आ-जा रहा है। जब श्वास धीमा और गहरा हो जाए तो कंठ-द्वार को संकुचित करें। ऐसा करने पर आपके गले से साँस आने और जाने पर धीमी सी आवाज़ आनी चाहिए।अब सांस लंबी और गहरी होनी चाहिए। ऊपर बताए गये तरीके से बाएं, दाएं और दोनों नथ्नो के माध्यम से श्वास लेना एक भास्त्रिका प्राणायाम का पूरा चक्र होता है। ऐसा 10-20 मिनट तक करें। अगर आपको ज़्यादा देर बैठने में परेशानी हो तो उज्जायी प्राणायाम लेटकर या खड़े हो कर भी कर सकते हैं।

पढ़ें- 'भुजंगासन' से पा सकते हैं टीबी के संक्रमण से राहत, जानें इसके स्टेप्स व फायदे

थाइराइड का मरीज अगर जल्दी ठीक होना चाहता है तो उसके लिए दवा के साथ - साथ उज्जायी प्राणायाम का नियमित अभ्यास अत्यधिक फायदेमंद होता है|

 

इसे भी पढ़ें-

मानसिक तनाव, क्रोध, अनिद्रा से हैं परेशान तो आज ही आजमाएं 'शवासन'

झड़ते बालों की समस्या से हैं परेशान तो आज ही आजमाएं ये 3 योगासन

योग से शरीर को बनाएं सुरक्षित, सही फायदे के लिए इन बातों का रखें ध्यान

अगर भूख नहीं लगती है तो करें ये तीन योगासन, भूख बढ़ेगी और पेट की हर समस्या से मिलेगी राहत

अपने आप को दें केवल 40 मिनट और जिंदगी बनाएं खुशहाल

अपने तोंद से हैं परेशान तो करें यह उपाय, जल्द हो जाएंगे फिट

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।